कभी-कभी प्रग्नेंसी रिपोर्ट के परिणाम आ जाते हैं गलत, जानें क्यों और 5 कारण

कभी-कभी प्रग्नेंसी रिपोर्ट के परिणाम आ जाते हैं गलत, जानें क्यों और 5 कारण

सेहतराग टीम

महिलाओं के लिए मां बनने का सुख बहुत ही आंनददायक होता है। इसलिए तो जब महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं तभी से बच्चों के लिए तैयारियां करने लगती है। वहीं महिलाएं जब गर्भधारण कर रही होती हैं तो वह प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाकर अपने आपको संतुष्ट करती हैं और आज के समय में संतुष्टि पाने का सबसे सही और सरल तरीका यही माना जाता हैं। किन्तु कई बार यह टेस्ट गलत भी हो जाता है जिससे महिलाएं गलतफहमी का शिकार हो जाती हैं, लेकिन यह होता क्यों है और इसके पीछे क्या कारण है? यह जानना हमारे लिए काफी महत्वपुर्ण हैं, क्योंकि जरा सी गलती आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। यह इसलिए क्योंकि अगर आप बच्चा चाहती है और टेस्ट नेगेटिव आ जाए जबकि मामला पॉजिटिव हो तो तनाव हो जाता है और कई बार ऐसा होता भी है। आखिर क्यों ऐसा होता है हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे के ऐसे 5 कारण, जिन्हें आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। 

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5 कारण, जिनसे गलत आते हैं परिणाम

एक्टोपिक (Ectopic) प्रेग्नेंसी-

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से मतलब है जब गर्भावस्था के दौरान अंडाणु गर्भाशय के अंदर विकसित न होकर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने लगते हैं। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी सामान्यतौर पर नहीं होती लेकिन ये बहुत जल्दी ही आपके प्रेग्नेंसी लेवल को प्रभावित कर सकती है, जिसके कारण टेस्ट के दौरान गलत परिणाम सामने आते हैं। अगर आपको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कोई भी संकेत दिखता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाइए और जल्द से जल्द जांच कराइए। 

आपने बहुत जल्दी टेस्ट कर लिया हो-

आमतौर पर मासिक धर्म का छूट जाना गर्भधारण परीक्षण करने का सबसे पहला संकेत होता है। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी महिला को हमेशा टेस्ट से पहले एक निर्धारित समय का इंतजार करना चाहिए। एक महिला के लिए, यह सलाह है कि सबसे पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट के निर्देशों को पढ़ें और सटीक परिणाम देखने के लिए उसी का पालन करें। दूसरा, भले ही परीक्षण जल्दी शुरू हो रहा हो, लेकिन शुरुआती परिणाम महत्वपूर्ण एचसीजी हार्मोन का गलत तरीके से पता लगा सकते हैं और नकारात्मक परिणाम दे सकते।

हाल ही में हुआ हो मिसकैरेज-

मिसकैरेज बहुत दर्दनाक होता है और इसके कारण आपके शरीर को प्री-प्रेग्नेंसी हार्मोन के स्तर तक वापस पहुंचने में समय लग सकता है। इस दौरान गर्भावस्था परीक्षण पर गलत सकारात्मक संकेत देखने से महिलाओं को चिंता हो सकती है। ठीक इसी तरह वे महिलाएंजो गर्भपात कराती हैं उन्हें इस प्रक्रिया के छह सप्ताह बाद तक कई गलत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है ऐसा-

कभी-कभार कोई गंभीर संक्रमण या स्वास्थ्य स्थिति आपके हार्मोन गतिविधियों को नुकसान पहुंचा सकती है और आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करते वक्त गलत नतीजे प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि इसके पुख्ता परिणाम नहीं हैं। गर्भधारण करते समय समस्याग्रस्त होने वाली कुछ सबसे सामान्य स्थितियों में ओवेरियन किस्ट, किडनी संक्रमण और यूटीआई शामिल हैं। थायराइड और हार्मोनल असंतुलन भी आपको गलत परिणाम देकर अतिसंवेदनशील बना सकते हैं।

जब ले रही हों प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए दवाईयां-

वे महिलाएं, जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए दवाईयां ले रही होती हैं उन्हें अक्सर हार्मोन रिलीज करने वाली दवाईयां दी जाती हैं, जिसका प्रभाव अंडाणु की आपूर्ति पर पड़ता है और ये प्रेग्नेंसी टेस्ट को जबरदस्ती गलत परिणाम दिखाने के लिए मजबूर करती हैं। कुछ अन्य दवाईयां जैसे एंटी-साइकोटिक और एंटी-एंग्जाइटी की दवाईयां भी परिणाम गलत दिखा सकती हैं। 

आपको क्या करना चाहिए?

प्रेग्नेंसी टेस्ट कंसीव की पुष्टि करने का सबसे पहला संकेत होता है, इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है कि डॉक्टर के पास और उसे ही ये सब चीजें करने दें। समय पर निर्भर रहते हुए डॉक्टर आपक यूरिन टेस्ट या फिर ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकता है, जिसमें गर्भधारण की पुष्टि हो सकती है।

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